Thursday, August 24, 2006

उफ्फ ये क्या हुआ

IAU की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कहां तो हम आस लगाये बैठे थे कि सौर मंडल में पूरे दर्जन भर ग्रह हो जायेंगे, लेकिन लगता है कि वैज्ञानिक आगे आने वाली बहुत से नये आकाशिय पिंडों की ग्रह बनाये जाने की दावेदारी, और उसके बाद के गडबडझालों की संभावना से घबरा गये।

प्राग, चेक रिपब्लिक में समाप्त हुए विश्व भर से आये २५०० वैज्ञानिकों के १४ से २५ अगस्त तक चले IAU के २६वें सम्मेलन में आज जारी IAU की रिपोर्ट के अनुसार प्लूटो से ग्रह का दर्जा छीन लिया है और सौरमंडल में केवल आठ ग्रहों को मान्यता दी है। इस प्रकार से सेरेस और कैरोन को भी प्लूटो के साथ बौने ग्रहों का दर्जा दिया गया है, वहीं ज़ेना को आकाशीय पिंड मात्र माना गया है। ज्यादा जिज्ञासु लोग सवालों के जवाब यहां देख सकते हैं। IAU का आधिकारिक जालस्थल है। यदि कभी आसमान में दूरबीन लेकर ताकते वक्त आपको लगे कि आपने कोई नया आकाशीय पिंड खोज निकाला है तो आप इन्हे बता सकते हैं (वैसे यह जानकारी उडन तश्तरी वाले समीर जी के लिये शायद उपयोगी हो)।

Monday, August 21, 2006

पूरे एक दर्जन हुए ग्रह

हमारे सौर मंडल में अब बारह ग्रह हो गये हैं। हम सब हमेशा से पढते आये हैं कि नौ ग्रह हैं, पर International Astronomical Union (IAU) के विशेषज्ञों ने हाल में जारी एक रिपोर्ट में यह बताया कि हमारे सौर मंडल में अब पूरे एक दर्जन भर ग्रह हो गये हैं।

आई ए यू ने अपने विशेषज्ञों से पूछा कि वे यह परिभाषित करें कि "ग्रह क्या है?"
आश्चर्य की बात यह है कि अब तक सर्वस्वीकार्य परिभाषा का अभाव था। तो जो परिभाषा निकाली गई उसके अनुसार यह हर वह आकाशीय तत्व है जो
१) स्वयं एक तारा या उपग्रह न हो
२) एक तारे का चक्कर लगाता हो
३) आकार में गोल हो

इस प्रकार १९३० में पाया गया प्लूटो भी एक ग्रह है (जिस पर कुछ लोग उंगली उठा रहे थे) भले ही यह अब तक सबसे छोटा ग्रह माना जाता रहा हो। अब सबसे छोटा नया ग्रह सेरेस (Ceres) है और यह मंगल और गुरू के बीच स्थित है। अब तक यह एक आकाशीय पिंड या एस्टेरोइड (asteroid) था। यह केवल ५९० मील चौडा है या ९५० किलोमीटर, जो कि आकार में प्लूटो का आधा है।

एक और नया ग्रह है 2003 UB313 जिसे ज़ेना(Xena) भी कहा जाता है। आकार में प्लूटो के बराबर लेकिन तीन गुना ज्यादा दूर यह ग्रह ही सबसे नया ढूंढा गया वह ग्रह है, जिसके कारण वैज्ञानिकों को "ग्रह क्या है?" इसका उत्तर ढूंढने पर बाध्य होना पडा।

अब बचा Charon कैरोन जो कि तीसरा नया ग्रह है। यह अभी तक प्लूटो के चंद्रमा के रूप में जाना जाता था। इसे १९७८ में पाया गया था। आकार में यह प्लूटो के आधे से ज्यादा है। प्लूटो और कैरोन एक दूसरे का चक्कर भी लगाते हैं, इसीलिये ये दोनों "double planet" या दोहरे ग्रह हैं।

इन तीनों नये ग्रहों को प्लूटोन भी कहा जाता है, और ये बाकी के आठ पुराने ग्रहों से अलग हैं। ये तीनों सूर्य का एक चक्कर लगाने में सैकडों साल लगाते हैं।

हमारे सौर मंडल में चार ग्रहों बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ठोस चट्टानों से बने हैं और इनके चारों तरफ कोई गैसीय चक्र नही है।
बाकी के चार अन्य ग्रह गुरू, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून गैसीय ग्रह हैं और इनके चारों तरफ गैसीय चक्र है।

पर नही, यहीं बस नही होता, वैज्ञानिकों के अनुसार अगले कुछ सालों में हमारे सौर मंडल में कम से कम एक दर्जन और ग्रह पाये जाने की संभावना है। तो तैयार रहिये यह संख्या और बढेगी। समय आ गया है कि हम भारतीय ज्योतिष को भी बदलें और उसमें सप्त ग्रहों की अवधारणा को बदल कर सारे नये ग्रहों को शामिल करें और शोध करें कि नये ग्रहों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पडेगा।

Friday, August 18, 2006

एन आर आई

मानसी जी के लेख के बाद, मन में कई विचार उठे और लगा कि कुछ लिखूं।
बहुत सारे मतलब निकाले जाते रहे हैं इस एन आर आई शब्द के।

कुछ प्रचलित मतलब इस प्रकार हैं

१। नान रिलायबल इन्डियन (non reliable indian)
२। नान रिस्पेक्टेड इन्डियन (non respected indian)
३। नान रिटर्नेबल इन्डियन (non returnable indian)
४। नॉट रियली इन्डियन (not really indian)
५। नाउ रिक्वायर्ड इन्डियन (now required indian)
६। न्यूली रिस्पेक्टेड इन्डियन (newly respected indian)
७। नेवेर रिटर्नेबल इन्डियन (never returnable indian)

असली मतलब तो है नान रेसीडेन्ट इन्डियन (non resident indian) आप्रवासी भारतीय, पर वह कहीं खो गया है।

सरकारी परिभाषायें
फेमा (फोरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के अनुसार एन आर आई है वह कोई भी व्यक्ति जो देश से बाहर है। विदेश में पढने आने वाले विद्यार्थी भी फेमा के अनुसार एन आर आई हैं।
वहीं इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार मोटे तौर पर अगर किसी वित्तीय साल में कोई व्यक्ति १८२ दिनों से कम भारत में रहा है तो वह एन आर आई है।

बाकी भारतीयों की परिभाषा
मोटा मालदार, वह व्यक्ति जो सुख सुविधा के लिये देश छोड गया। कोई भी आपको एक अलग ही चश्मे से देखता है। कुछ अपवादों को छोडकर लगभग हर दोस्त या रिश्तेदार भले ही कुछ कहे न, पर आपसे कुछ न कुछ चाहता है। आप कौतूहल का विषय हैं। एन आर आई एक तमगा है, जिसे आप चाह कर भी नही उतार सकते।

लोग भले ही कहने को कह दें कि मै उन में से नही जो पैसे या कैरियर के लिये अपने देश को छोड जाऊं, पर मौका आने पर आप देख सकते हैं कि वे खुद भी लगे पडे हैं लाइन में। बहरहाल एन आर आई होने के बाद आप पहले वाले भारतीय नही रह जाते। भले ही आप जिस देश में रहते हों वहां सबसे गरीब हों पर भारत में आप बहुत पैसे वाले हैं, यह भावना आप लोगों के मन से निकाल नही पाते, भले ही आप भारत लौट जायें।

एन आर आई
खुद एन आर आई बेचारा, गली के कुत्ते सी हालत वाला होता है, न घर का न घाट का। विदेश में, जहां बस गया है, हमेशा बाहर वाला माना जाता है। सहकर्मी उसे बाहरी इंसान मानते हैं, कहीं डरते भी हैं कि ये लोग हमारी और हमारे देशवासियों की नौकरी खा रहे हैं। काले लोग आक्रमण करते हैं, लूटते हैं, गोरे अपने में शामिल नही करते।

खुद के विदेश में ही पले बढे बच्चे भी अजीब संघर्ष में जीते हैं और उसे जिम्मेदार मानते हैं अपनी पहचान के संकट के लिये। देश में तो लोग उसे अपने जैसा मानते ही नही। बेचारा पुराने गाने सुनता है। बच्चों को हिंदी सिखाने की असफल कोशिश करता है। अपने तीज त्यौहारों से जुडे रहने की कोशिश करता रहता है। देश की हर खबर से जुडा रहता है। अपने समाज के कार्यक्रम करता है, अपने जैसे लोगों में बैठने की कोशिश करता है। हर साल देस जाकर जैसे वह किसी पाप का प्रायश्चित करना चाहता है। बहुधा देस से रोग बीमारी या बुरे अनुभव लेकर आता है, पर अगले साल फिर तैयार जाने के लिये।

दिल में कहीं न कहीं हर वक्त कुछ छुट गया सा लगता है। अपने भाई, बहन, मां, बाप, नाते, रिश्तेदार, यार, दोस्त, गली, सडक, मोहल्ले, स्कूल, कालेज, गांव, शहर, कस्बे सब याद आते हैं। एक अन्तर्द्वन्द हमेशा मन में चलता रहता है, लगता है बस लौट जायें, अब बहुत हुआ, पर थोडा और थोडा और करके एक दिन पाता है कि अब वह चाहे तो भी लौट नही सकता। तिनका तिनका कर के बसाया गया आशियाना अब अपना सा लगता है। और सोचता है अपना देश अब अपने जैसा नही लगा, पिछली यात्रा के दौरान। पुराने लोग नही रहे, पुराने तौर तरीके नही रहे। पुराने गली मोहल्ले, माकान, सडक नही रहे। अब फिर से एक बार नई जगह बसने का संकट कौन मोल ले। दोस्त रिश्तेदार अब तुम्हारे बिना जीना स्वीकार कर चुके हैं। और तुम्हारी जडें अब यहां जम चुकी हैं। बच्चों की पढाई का क्या होगा? देस का तो सिस्टम ही अलग है। बच्चे तो जाना ही नही चाहते, उनका बस चले तो साल में एक बार जो जबरदस्ती ले जाये जाते हैं, वो भी नही जायें।

ओह्ह, इधर कुंआ उधर खाई, बीच में बेचारा एन आर आई।
और पढना चाहें तो सपने, संताप और सवाल

जो लौट नहीं सके....


या देखें

Friday, August 11, 2006

विदेश यात्रा करने से पहले

मुझे याद है जब मै पहली बार देश छोडकर कुछ दिनों के लिये ही सही, विदेश जाने वाला था तो क्या रखूं क्या न रखूं, तैयारी कैसे करूं, जैसे बेहद जटिल सवाल मुझे मथ रहे थे। मैने अंतरजाल पर भी बहुत ढूंढा, लेकिन कुछ खास नही मिला। जो मिला वो भी अंग्रेजी में था, और अधूरा था और हम भारतीयों के लिये ज्यादा उपयोगी नही था। उस यात्रा और उस के बाद की कई यात्राओं की तैयारियों में मैने बहुत कुछ सीखा। बहुत दिनों से सोच रहा था कि ऐसा कुछ हिंदी में होना चाहिये। अतः पेश है एक सूची, लेकिन इसके पहले कि आप इसे पढें या उपयोग में लें, एक निवेदन है कि इस तरह की कोई भी सूची कभी पूरी नही हो सकती, तो जो लोग मेरी तरह इस स्थिति में हैं कि कुछ जोड या घटा सकते हैं, कृपया मेरी मदद करें। आपके संशोधन टिप्पणियों में लिखें या अपने चिठ्ठे पर लिखें। उद्देश्य मात्र इतना ही है कि मेरे अनुभव दूसरों के काम आयें। मेरी तरह अगर कोई अंतरजाल पर ढूंढे तो उसे शायद यह मिल सके और अगर किसी की थोडी मदद हो सके, तो लिखना सार्थक।

वैसे तो अलग अलग जगहों पर जाने के लिये तैयारी अलग अलग तरीके से की जानी चाहिये, और सबसे अच्छा तरीका है उस जगह (गंतव्य) पर पहले से बसे आपके जैसे ही कुछ लोगों से संपर्क करें और उपयोगी जानकारियां हासिल करें। इसके साथ ही आपकी यात्रा का उद्देश्य क्या है, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। लेकिन फिर भी पेश है एक सूची और कुछ हिदायतेंः-

१) चेक इन किया जाने वाला सामान - आम तौर पर किसी भी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिये दो प्रकार के सामान उपयोग किये जाते हैं। पहले वह जो कि "चेक इन" किये जा सकें, मतलब वह सामान जो आपकी यात्रा की शुरुआत में एयरलाइन आपसे ले लेगी और आपकी यात्रा के अंतिम हवाई अड्डे (एयरपोर्ट) पर आपको वापस मिलेगा। कृपया अपनी एयरलाइन से यह जांच कर लें कि कितने चेक इन बैग्स ले जाये जा सकते हैं, उनका अधिकतम आकार कितना हो सकता है, और उनमें कितना भार ले जाने के लिये आप बिना किसी जुर्माने के अधिकृत हैं। भार अधिक होने पर आपको जुर्माना भरना पड सकता है। आकार निर्धारित आकार से बडा होने पर एयरलाइन उसे लेने से मना कर सकती है। चेक इन बैग का आकार लंबाई, चौडाई व ऊंचाई जोडकर ६२ इंच से अधिक नही होना चाहिये। साधारणतया २८ से ३० इंच लंबा १८ से २० इंच चौडा और १२ से १५ इंच मोटा बैग प्रयोग किया जाता है। आम तौर पर भारत से यूरोप के लिये प्रति व्यक्ति एक चेक इन बैग ले जा सकते हैं और वजन १५ से २० किलोग्राम (एयरलाइन से पता करें), अमेरिका के लिये प्रति व्यक्ति दो चेक इन बैग ले जा सकते हैं और वजन २५ से ३० किलोग्राम तक हो सकता है। कोशिश करें कि बैग ज्यादा खाली या ज्यादा भरा न हो। अगर पहिये वाला हो तो आपको अधिक सुविधा होगी।

२) कैरी आन किया जा सकने वाला सामान - यह वह सामान है जो आप अपने साथ रख सकते हैं। ज्यादातर यह सामान पहिये वाला छोटा बैग होता है, यदि इसमें पकडने के लिये लंबा हैंडल हो बहुत अच्छा। इसमें कोई भी धारदार वस्तु न रखें, यदि आप अपना शेविंग किट या लाइटर इस बैग में रखते हैं तो सुरक्षा जांच में आपको वह फेंकना पडेगा। इसके लिये भी अपनी एयरलाइन से जांच कर लें कि इनका अधिकतम आकार कितना हो सकता है, और उनमें कितना भार ले जा सकते हैं। वैसे सामान्यतः कैरी आन किये जाने वाले सामान का वजन कोई नही करता, लेकिन यह हवाई जहाज के अंदर आपकी सीट के ऊपर बने लोफ्ट में या आपकी सीट के नीचे आने लायक होना चाहिये। सामान्यतः इनमें ८ से १० किलोग्राम वजन लेकर आप चल सकते हैं। यह हमेशा प्रति व्यक्ति एक ही ले जाया जा सकता है। लैपटॉप या महिलाओं का पर्स या छोटे बच्चों का नैपी बैग अलग से ले जाया जा सकता है।

३) अपने सामान में औपचारिक (फार्मल) तथा अनौपचारिक (इनफार्मल) दोनों तरह के कपडों का उचित अनुपात रखें।

४) गंतव्य स्थल के वातावरण के अनुसार गर्म कपडे आदि रखें।

५) सफर करते समय बडे बडे जेबों वाले कपडे पहनें। ऐसा करने से आप बहुत से कागज, दस्तावेज, पासपोर्ट आदि जल्दी जल्दी इधर उधर भागते समय सुविधापूर्ण तरीके से जेब में डाल सकते हैं।

६) सफर के समय कुछ सामान्य दवाइयां रख लें (सरदर्द, पेट, बुखार आदि), लेकिन दवाइयों के साथ डाक्टर का प्रिस्क्रिप्शन भी रख लें।

७) अगर चश्मा पहनते हैं, तो एक बैकअप चश्मा जरूर रखें, वैसे अगर लंबे समय के लिये बाहर जा रहे हैं और चश्मे का नंबर स्थिर है, तो दो से ज्यादा चश्मे रखें, क्योंकि ज्यादातर नया चश्मा बनवाना भारत से विदेश में बहुत ज्यादा महंगा है।

८) पासपोर्ट की कई ज़ीरॉक्स करवा लें और अलग अलग सामानों में रखें।

९) पासपोर्ट किसी भी हालत में न गुमायें, अगर गुम जाता है तो आप बडी मुसीबत में पड सकते हैं। लेकिन ऐसा हो जाने पर भी अगर आपके पास उसकी कोई ज़ीरॉक्स प्रति है, तो आप अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं।

१०) अगर हो सके तो कमर में बांधने वाला चमडे का "पाउच" या पट्टे सरीखा बैग या पर्स खरीद लें, यह पासपोर्ट आदि रखने के लिये सबसे बेहतर होता है।

११) भारतीय मसाले हर जगह नही मिलते, और मिलते भी हैं तो बहुत महंगे। अपने साथ कुछ पैकेट रख लें।

१२) बिजली का कोई भी उपयंत्र रखने से पहले यह पता करें कि गंतव्य स्थल पर कितने वोल्ट या फ्रिक्वेंसी की विद्युत प्रणाली है, जैसे अमेरिका में ११५ वोल्ट है।

१३) अपने साथ गंतव्य के जरूरी फोन नंबर बहुत संभाल कर रख लें।

१४) यदि कहीं पर भी आपकी फ्लाइट छूट जाये, घबरायें नही, एयरलाइन्स के लोगों से संपर्क करें। वे आपके रुकने का इंतजाम करेंगे। आपको फोन काल करने व खाने के लिये कूपन भी देंगे।

१५) हो सके तो यात्रा शुरू करने से पहले गंतव्य स्थल की कुछ मुद्रा खरीद कर रख लें। इसके लिये आपके पास वैध वीसा और टिकट होना चाहिये। यह मुद्रा आपको विमान में कुछ खरीदने या स्नैक्स के लिये या उतरने के तुरंत बाद काम में आ सकती है।

१६) अपने ट्रैवेलर्स चेक आदि संभाल कर रखें, उसकी रसीद दूसरी जगह पर रखें। कागज आदि निकालते समय ध्यान रखें कि आप उन्हे गिरा न दें। ट्रैवेलर्स चेक खो जाने पर तुरंत ग्लोबल नंबर पर फोन कर उसे निरस्त कर दें।

१७) शेविंग किट साथ ले जाने वाले (कैरी आन) सामान में न रखें।

१८) सामान में कोई खुला खाने का सामान न रखें, मतलब सारा खाने का सामान सील्ड पैक करके ही रखें, नही तो वह फेंक दिया जायेगा।

१९) हवाई जहाज में ज्यादा न खायें। हमेशा हल्का फुल्का खायें और थोडा सोने की कोशिश करें।

२०) यदि दो लोग साथ सफर कर रहे हों तो एक घडी में स्थानीय समय (जो कि बदलता रहेगा, इसके लिये फ्लाइट में होने वाला प्रसारण देखें) और दूसरी घडी में गंतव्य या जहां से शुरू किया था उस जगह का समय रखें। या फिर दो समय दर्शाने वाली एक घडी रखें।

२१) यदि किसी से कहीं मिलने का निश्चय किया है, पूरी तौर पर पक्का कर लें कहां मिलना है।

२२) यदि कस्टम में कुछ डिक्लेयर करने लायक (जैसे जानवर की खाल आदि) है तो कस्टम के लाल दरवाजे से निकलें और फार्म भरें, नही तो हरे दरवाजे से निकल जायें।

२३) किसी भी फ्लाइट में धूम्रपान वर्जित है। फिर भी अगर तलब हो रही है तो पहले पूछताछ करें।

२४) हवाई जहाज में अपने से पहले महिलाओं बच्चों और वृद्धों को चढने व उतरने दें।

२५) यदि आप शाकाहारी हैं तो टिकट लेते समय ही एजेंट को बता दें। इसके बावजूद बहुत सावधान रहें। कोई भी सफेद चटनी अंडे की हो सकती है।

२६) उडान में कभी भी ज्यादा मद्यपान न करें।

२७) बच्चों के साथ सफर करते समय ध्यान रखें कि जरूरत होने पर आप एयर होस्टेस से खिलौने या पुस्तकें मांग सकते हैं।

२८) सामान पैक करते समय अपने कपडे व सामान कुछ इस तरह सारे बैगों में रखें कि कोई एक बैग गुम जाने या अवलंबित हो जाने पर आप बिल्कुल अपाहिज न हो जायें। सफर में सामान गुम जाना एक आम बात है। ज्यादातर आपका सामान आपको गंतव्य पर पंहुचने के बाद कुछ दिनों या घंटों में मिल जाता है।

२९) अपने साथ थोडी रुई या इयर प्लग रखें। कभी कभी उडान के दौरान दवाब बदलने से कान में दर्द होने पर इस्तेमाल करें।

३०) यदि गंतव्य पर बहुत से लोगों से मिलने वाले हैं, देने के लिये छोटे छोटे उपहार रख सकते हैं।

३१) यदि कोई पुराने कपडे जिन्हे आप वापस लाने में इच्छुक न हों, रख सकें या पहन सकें तो आपके लौटते समय उन कपडों के कारण बची जगह का उपयोग खरीदे गये स्मृतिचिह्न आदि ृकने में कर सकते हैं।

३२) अपने साथ कम से कम पांच छः जोडी अधोवस्त्र (अंडरवियर व बनियान) रखें। कई जगह सप्ताह में एक बार मशीन से कपडे धोने का मौका मिलेगा, वहां काम आयेंगे।

३३) कपडे इस तरह के रखें कि एक या दो जोडी जूतों के साथ काम चल सके। वैसे काले जूते सबके साथ चल जाते हैं।

३४) विदेश में होटेल से फोनकाल करने से पहले हमेशा पता करें कि कितना पैसा ज्यादा देना पडेगा।

३५) होटेल छोडने से पहले उसका पता या कार्ड लेना न भूलें। भाषा की जानकारी न होने पर भी होटेल लौटने के लिये आप कार्ड दिखा कर काम चला सकते हैं।

३६) अगर भारत से अमेरिका जा रहे हैं तो आपको पंहुचने के बाद कुछ दिनों तक "जेट लैग" का सामना करना पड सकता है, जिसमें आपको रात में नींद खुल जाने और दिन में नींद आने की परेशानी का सामना करना पड सकता है, क्योंकि आपका शरीर भारत में नियमित दिनचर्या का अभ्यस्त है। परेशान न हों यह कुछ दिनों मे अपने आप ठीक हो जायेगा।

३७) लंबी हवाई यात्रा के दौरान बीच में थोडी वर्जिश करें। इससे आपको पैर सूजने, थकान या पीठ के दर्द में थोडा आराम मिलेगा।

३८) सामान चेक इन करते समय निवेदन करें कि अंतिम गंतव्य स्थल के लिये चेक इन करें। आप खुद चेक इन टैग में देखकर यह निश्चित करें कि यह ठीक है और अंतिम गंतव्य स्थल को दर्शा रहा है।

३९) अपने हर सामान के ऊपर बडे बडे अक्षरों में अपना नाम पता चिपकायें।

४०) अगर कोई द्रव पदार्थ ले जाना जरूरी हो, तो उसे प्लास्टिक बैग में रखें।

४१) अपने साथ एक अच्छा पेन जरूर रखें, यात्रा के दौरान बहुत से फार्म भरने पडते हैं। भले ही आपको कोई लेने आ रहा हो, फिर भी होटेल का पता रखें, हो सकता है किसी फार्म में ही भरना पडे। थोडा पेपर या छोटी नोटबुक भी रखें, शायद कहीं कुछ नोट करने की इच्छा हो जाये या किसी से मुलाकात हो जाये।

४२) एक चादर और छोटी तौलिया रखें, क्या पता कहां जरूरत पड जाये।

और ज्यादा टिप्स के लिये यहां यहां या यहां देख सकते हैं। या फ्री टैवेल टिप्स पर भी जा सकते हैं।

धन्यवाद।

टैगः ,

Tuesday, August 08, 2006

सूर्यास्त का नजारा

कुछ लेख पढे फोटोग्राफी के, और कुछ चित्र देखे। सोचा एक चित्र मै भी पेश करूं। चित्र में पडी तारीख गवाह है, कि यह पिछले शनिवार ५ अगस्त को लिया गया है। इस चित्र को मै अपना खींचा सर्वश्रेष्ठ चित्र मानता हूं, क्योंकि चित्र में समुंदर की नजरों से सूर्यास्त का नजारा देखा जा सकता है। ध्यान से देखियेगा तो आप समुंदर में कई नौकायें देख सकते हैं। क्या कहा, नही देख पा रहे, अरे भाई, क्लिक करके बडा करके देखिये। कैमरा है कैनन ए५२० ४ मेगापिक्सेल। जगह मत पूछियेगा, पर है ना खूबसूरत, बोलिये है ना, बोलिये ना।