सूर्यास्त का नजारा
कुछ लेख पढे फोटोग्राफी के, और कुछ चित्र देखे। सोचा एक चित्र मै भी पेश करूं। चित्र में पडी तारीख गवाह है, कि यह पिछले शनिवार ५ अगस्त को लिया गया है। इस चित्र को मै अपना खींचा सर्वश्रेष्ठ चित्र मानता हूं, क्योंकि चित्र में समुंदर की नजरों से सूर्यास्त का नजारा देखा जा सकता है। ध्यान से देखियेगा तो आप समुंदर में कई नौकायें देख सकते हैं। क्या कहा, नही देख पा रहे, अरे भाई, क्लिक करके बडा करके देखिये। कैमरा है कैनन ए५२० ४ मेगापिक्सेल। जगह मत पूछियेगा, पर है ना खूबसूरत, बोलिये है ना, बोलिये ना।

7 प्रतिक्रियाएँ:
प्रेषक:
Anonymous [
Tuesday, August 08, 2006 8:22:00 PM]…
सुर्यास्त का एक बहुत खुबसूरत चित्र हमने भी खींचा था, ढूंढ कर हम भी डालता हूँ अपने फोटू ब्लोग पर। छाया सूर्य की छाया कमाल की खींची हो भी क्यों ना नाम से ही तजुर्बा झलकता हैः)
प्रेषक:
Anonymous [
Tuesday, August 08, 2006 8:39:00 PM]…
हांजी खूबसूरत तस्वीर है, मेरे कम्प्युटर का भीत्ती चित्र है अब ये तो :)
प्रेषक:
Pratyaksha [
Tuesday, August 08, 2006 9:14:00 PM]…
मान गये ।
अब हम भी दिखाते हैं आपको ऐसी ही तस्वीर अपने चिट्ठे पर (मेरी खींची हुई नहीं है तो क्या )
प्रेषक:
Manish Kumar [
Wednesday, August 09, 2006 3:05:00 AM]…
सुंदर !
प्रेषक:
Jitendra Chaudhary [
Wednesday, August 09, 2006 3:07:00 AM]…
सुन्दर! बहुत सुन्दर।
अब जब बात समुन्दर और सूर्यास्त की हुई है तो हम भी पेश करते है एक तस्वीर , हमारे द्वारा ही खींची गयी है।
प्रेषक:
Anonymous [
Wednesday, August 09, 2006 3:52:00 AM]…
चित्रों के सामने शब्द मायने खो बैठते है- सुना था, महसूस अभी किया।
प्रेषक:
ई-छाया [
Wednesday, August 09, 2006 11:41:00 AM]…
तरुण जी,
धन्यवाद। कोई कोई तस्वीर ही अच्छी आ पाती है भैया।
आशीष जी,
हमारी खुशनसीबी।
प्रत्यक्षा जी,
आपके चिठ्ठे का एक चक्कर लगा आया, दिखी नही ः)
मनीष जी,
धन्यवाद।
जितेन्द्र भैया,
आपकी तस्वीर बहुत खूबसूरत लगी।
रत्ना जी,
धन्यवाद, आप तो शब्द से ही तस्वीरें खींचने में माहिर हैं।
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