Monday, August 21, 2006

पूरे एक दर्जन हुए ग्रह

हमारे सौर मंडल में अब बारह ग्रह हो गये हैं। हम सब हमेशा से पढते आये हैं कि नौ ग्रह हैं, पर International Astronomical Union (IAU) के विशेषज्ञों ने हाल में जारी एक रिपोर्ट में यह बताया कि हमारे सौर मंडल में अब पूरे एक दर्जन भर ग्रह हो गये हैं।

आई ए यू ने अपने विशेषज्ञों से पूछा कि वे यह परिभाषित करें कि "ग्रह क्या है?"
आश्चर्य की बात यह है कि अब तक सर्वस्वीकार्य परिभाषा का अभाव था। तो जो परिभाषा निकाली गई उसके अनुसार यह हर वह आकाशीय तत्व है जो
१) स्वयं एक तारा या उपग्रह न हो
२) एक तारे का चक्कर लगाता हो
३) आकार में गोल हो

इस प्रकार १९३० में पाया गया प्लूटो भी एक ग्रह है (जिस पर कुछ लोग उंगली उठा रहे थे) भले ही यह अब तक सबसे छोटा ग्रह माना जाता रहा हो। अब सबसे छोटा नया ग्रह सेरेस (Ceres) है और यह मंगल और गुरू के बीच स्थित है। अब तक यह एक आकाशीय पिंड या एस्टेरोइड (asteroid) था। यह केवल ५९० मील चौडा है या ९५० किलोमीटर, जो कि आकार में प्लूटो का आधा है।

एक और नया ग्रह है 2003 UB313 जिसे ज़ेना(Xena) भी कहा जाता है। आकार में प्लूटो के बराबर लेकिन तीन गुना ज्यादा दूर यह ग्रह ही सबसे नया ढूंढा गया वह ग्रह है, जिसके कारण वैज्ञानिकों को "ग्रह क्या है?" इसका उत्तर ढूंढने पर बाध्य होना पडा।

अब बचा Charon कैरोन जो कि तीसरा नया ग्रह है। यह अभी तक प्लूटो के चंद्रमा के रूप में जाना जाता था। इसे १९७८ में पाया गया था। आकार में यह प्लूटो के आधे से ज्यादा है। प्लूटो और कैरोन एक दूसरे का चक्कर भी लगाते हैं, इसीलिये ये दोनों "double planet" या दोहरे ग्रह हैं।

इन तीनों नये ग्रहों को प्लूटोन भी कहा जाता है, और ये बाकी के आठ पुराने ग्रहों से अलग हैं। ये तीनों सूर्य का एक चक्कर लगाने में सैकडों साल लगाते हैं।

हमारे सौर मंडल में चार ग्रहों बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ठोस चट्टानों से बने हैं और इनके चारों तरफ कोई गैसीय चक्र नही है।
बाकी के चार अन्य ग्रह गुरू, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून गैसीय ग्रह हैं और इनके चारों तरफ गैसीय चक्र है।

पर नही, यहीं बस नही होता, वैज्ञानिकों के अनुसार अगले कुछ सालों में हमारे सौर मंडल में कम से कम एक दर्जन और ग्रह पाये जाने की संभावना है। तो तैयार रहिये यह संख्या और बढेगी। समय आ गया है कि हम भारतीय ज्योतिष को भी बदलें और उसमें सप्त ग्रहों की अवधारणा को बदल कर सारे नये ग्रहों को शामिल करें और शोध करें कि नये ग्रहों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पडेगा।

9 प्रतिक्रियाएँ:

  • प्रेषक: Anonymous Anonymous [ Tuesday, August 22, 2006 12:19:00 AM]…

    ये नयी परिभाषा मे सूरज की परिक्रमा के प्रतल के बारे मे कुछ नही कहा गया है !

    प्लूटो की परिक्रमा का प्रतल अन्य आठो ग्रह के प्रतल से भिन्न है !

    वैसे भी खगोलिय गणना के अनुसार प्लुटो के बाद युरेनस और नेप्च्युन के आकार का या उससे बडा ग्रह और होना चाहिये क्योंकि युरेनस और नेप्च्युन की परिक्रमण गति मे एक विचलन पाया जाता है। जिसका कारण अज्ञात है।

    सौर मण्डल को ध्यान से देखा जाये तो बुध सबसे छोटा उसके बाद बढते क्रम मे शुक्र, पृथवी, गुरू है(मगंल अपवाद) है इसके बाद घटते क्रम मे शनी, युरेनस , नेप्च्युन है, लेकिन प्लुटो एकदम से छोटा सा ग्रह आ जाता है।

    वैसे गुरू और मंगल के बीच मे भी एक ग्रह होना चाहिये क्योंकि मंगल और गुरू के बिच का अंतराल स्वभाविक नही है, लेकिन क्षुद्रग्रह शायद इसी ग्रह के टुकडे हो सकते है !

     
  • प्रेषक: Blogger उन्मुक्त [ Tuesday, August 22, 2006 1:18:00 AM]…

    पृथ्वी के घूमने की गति कम हो रही है इसके कारण उसकी और चंद्रमा की दूरी बड़ रही है (law of conservation angular momentum) IAU की परिभाषा के मुताबिक एक दिन यह भी ग्रह हो जायगा। :-)

     
  • प्रेषक: Blogger हिंदी ब्लॉगर/Hindi Blogger [ Tuesday, August 22, 2006 4:26:00 AM]…

    बहुत बढ़िया जानकारी. धन्यवाद!

     
  • प्रेषक: Blogger Manish Kumar [ Tuesday, August 22, 2006 8:53:00 AM]…

    अच्छी जानकारी दी छाया और आशीष भाई !

     
  • प्रेषक: Blogger ई-छाया [ Tuesday, August 22, 2006 11:52:00 AM]…

    आशीष भाई ने लिखा
    "वैसे गुरू और मंगल के बीच मे भी एक ग्रह होना चाहिये क्योंकि मंगल और गुरू के बिच का अंतराल स्वभाविक नही है, लेकिन क्षुद्रग्रह शायद इसी ग्रह के टुकडे हो सकते है ! "
    बिल्कुल सही और सेरेस एक ऐसा ही ग्रह है (कृपया आलेख देखें)।
    आपने सही लिखा है कि खगोलशास्त्र के अनुसार अभी बहुत से प्रश्नों के उत्तर आने बाकी हैं और आने वाले समय में बहुत से नये ग्रहों के बारे में पता चलने की संभावना है।

     
  • प्रेषक: Blogger ई-छाया [ Tuesday, August 22, 2006 11:54:00 AM]…

    उन्मुक्त जी,
    चंद्रमा उपग्रह से ग्रह हो जायेगा तो हमारे कवियों लेखकों और फिल्मी गानों पर कुछ असर पडेगा क्या? यह भी एक शोध का विषय हो सकता है ः)।
    हिंदी ब्लोगर जी तथा मनीष जी,
    धन्यवाद।

     
  • प्रेषक: Anonymous Anonymous [ Thursday, August 24, 2006 11:54:00 AM]…

    This comment has been removed by a blog administrator.

     
  • प्रेषक: Blogger ई-छाया [ Thursday, August 24, 2006 12:59:00 PM]…

    उफ्फ ये क्या हुआ।
    कृपया यहां पढें।

     
  • प्रेषक: Anonymous Anonymous [ Sunday, August 27, 2006 5:50:00 AM]…

    सरल शब्दोँ मे ग्रहोँ की उम्दा जानकारी देने के लिये शुक्रिया.

     

प्रतिक्रिया प्रेषित करें

<< वापस